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India General Elections 2024: खुलासा | क्या मोदी सरकार ने रूस से सस्ता तेल आयात कर ईंधन की कीमतें घटाईं?

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India General Elections 2024: May 25th, 2024, Written By Ankit Shukla From Codewithindia

परिचय

कुछ हफ्ते पहले, @saurabhtop ने लल्लनटॉप के एक साक्षात्कार में @DrSJaishankar से पूछा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान मोदी जी ने रूस से कच्चा तेल आयात करने का निर्णय कैसे लिया। यह युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था।

साक्षात्कार का मुख्य अंश

डॉ. जयशंकर ने कहा, “हमें पेट्रोल की कीमत को जितना संभव हो उतना कम रखना है। पेट्रोल सबसे महंगा होता है। अगर इसकी कीमत बढ़ती है, तो बाकी सब महंगा हो जाता है। उद्देश्य यह था कि भारत के उपभोक्ताओं को कम कीमत चुकानी पड़े।”

पूरा साक्षात्कार सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी जी का एकमात्र उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ते रूसी तेल का लाभ पहुंचाना था। (1/n)

मुख्य बातें

  • रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि: फरवरी 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक तेल बाजार में अस्थिरता आई।
  • भारत की रणनीति: इस संकट के दौरान, भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात करने का निर्णय लिया।
  • उपभोक्ताओं का लाभ: मोदी सरकार का लक्ष्य था कि भारतीय उपभोक्ताओं को तेल की कीमतों में राहत मिले।

मोदी सरकार की नीति

मोदी सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया? इसके पीछे के कुछ मुख्य कारण:

  • महंगाई नियंत्रण: पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर पड़ता है।
  • आर्थिक स्थिरता: सस्ते कच्चे तेल से भारत को अपने आर्थिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिली।
  • राजनीतिक दृष्टिकोण: चुनावी दृष्टिकोण से भी यह निर्णय महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे आम जनता को सीधा लाभ मिला।

क्या तेल की कीमतें वाकई घटीं?

रूस से कच्चे तेल के आयात के बाद:

  • पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली कमी देखी गई।
  • उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया: आम जनता ने इसे एक सकारात्मक कदम माना और इससे उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ।

निष्कर्ष

मोदी सरकार का रूस से सस्ता कच्चा तेल आयात करने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने भारतीय उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाने में मदद की। हालांकि, इसके राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों का मूल्यांकन जारी है।

आने वाले आम चुनाव 2024 में, यह निर्णय भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा साबित हो सकता है। जनता को उम्मीद है कि सरकार ऐसे और भी निर्णय लेगी जो उनके जीवन को सरल और सस्ता बनाएंगे।

आपके विचार

आप इस निर्णय के बारे में क्या सोचते हैं? क्या मोदी सरकार का यह कदम सही था? हमें अपने विचार कमेंट्स में बताएं।

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